Bomb threats: 6 दिनों में एयरलाइंस को मिली 70 बम धमकी, फर्जी कॉल्स का पता लगाने के लिए जांच शुरू, जल्द होगी कार्रवाई
Bomb threats: भारतीय एयरलाइंस कंपनियों को हाल के दिनों में कई फर्जी बम धमकियों का सामना करना पड़ा है। इस गंभीर मामले को लेकर शनिवार को दिल्ली स्थित मुख्यालय में विमानन सुरक्षा निकाय ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) के अधिकारियों ने एयरलाइंस कंपनियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान एयरलाइंस के प्रतिनिधियों ने BCAS के महानिदेशक जुल्फिकार हसन के साथ फर्जी बम धमकियों के कारण हो रही समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि त्योहारों के मौसम में सुरक्षा समस्याओं के चलते हवाई अड्डों पर भीड़ बढ़ रही है।
सुरक्षा के लिए दिशानिर्देशों का पालन करने का आदेश
बैठक के दौरान BCAS के महानिदेशक जुल्फिकार हसन ने एयरलाइंस कंपनियों को सुरक्षा और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सख्ती से दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया। उन्होंने एयरलाइंस के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि इस मामले की तह तक जाने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल मजबूत, यात्री न डरें
बैठक के बाद जुल्फिकार हसन ने कहा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल इतने मजबूत हैं कि इन धमकियों से निपटने में कोई परेशानी नहीं आएगी। उन्होंने यात्रियों से कहा कि वे बिना किसी डर के यात्रा कर सकते हैं। हसन ने कहा, “भारतीय हवाई क्षेत्र पूरी तरह से सुरक्षित है। मौजूदा प्रोटोकॉल मजबूत हैं और उनका सख्ती से पालन किया जा रहा है।”
6 दिनों में 70 फर्जी धमकियां
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में भारतीय एयरलाइंस द्वारा संचालित करीब 70 उड़ानों को फर्जी बम धमकियां मिली हैं। इन फर्जी धमकियों के कारण कई उड़ानों का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा, जबकि कुछ एयरलाइंस को अपने सभी यात्रियों की दोबारा जांच करने पर मजबूर होना पड़ा, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा और उड़ानों में देरी का सामना करना पड़ा।
करोड़ों रुपये का नुकसान
इन फर्जी धमकियों के कारण भारतीय एयरलाइंस कंपनियों को आर्थिक रूप से भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। एयरलाइंस अधिकारियों का अनुमान है कि इन फर्जी धमकियों के कारण उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। उड़ानों में होने वाली देरी और अतिरिक्त सुरक्षा जांच के कारण ऑपरेशनल लागत भी बढ़ गई है।
मामले की जांच में जुटी एजेंसियां
इससे पहले इस सप्ताह, नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने कहा था कि बम धमकियों के सभी मामलों की कानून प्रवर्तन एजेंसियां सक्रिय रूप से जांच कर रही हैं। सरकार इस स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है और धमकियों के स्रोत का पता लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी धमकियों की गहनता से जांच की जा रही है ताकि किसी भी तरह की साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।
उड़ानों में तैनात किए जाएंगे मार्शल
केंद्र सरकार भी इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उड़ानों में हवाई मार्शल की तैनाती बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, जांच एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या इन धमकियों में कोई पैटर्न है या यह महज इत्तेफाक है। सरकार की योजना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और भी सख्त उपाय किए जाएं ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यात्रियों को किया जा रहा है जागरूक
फर्जी बम धमकियों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए एयरलाइंस और सरकारी एजेंसियां यात्रियों को भी जागरूक कर रही हैं। एयरलाइंस यात्रियों को यात्रा के दौरान अलर्ट रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दे रही हैं। इसके साथ ही यात्रियों को यह भी बताया जा रहा है कि बम की फर्जी सूचना देना एक गंभीर अपराध है और इसके लिए कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन अनिवार्य
फर्जी बम धमकियों के बीच, BCAS ने सभी एयरलाइंस और हवाई अड्डों को अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। इसमें विशेष रूप से विमान और हवाई अड्डे की सुरक्षा जांच बढ़ाना, संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखना और सुरक्षा उपायों को और सख्त करना शामिल है। सुरक्षा एजेंसियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इन प्रोटोकॉल्स के जरिए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
सुरक्षा और सावधानी में बढ़ोतरी
त्योहारी सीजन में यात्रियों की संख्या में वृद्धि और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर, हवाई अड्डों पर सुरक्षा के स्तर को और सख्त किया जा रहा है। विमानन सुरक्षा एजेंसियां और एयरलाइंस अपने सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ़ा रही हैं, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, सभी हवाई अड्डों पर अतिरिक्त सुरक्षा जांच उपकरणों को भी लगाया जा रहा है, ताकि किसी भी संभावित खतरे को तुरंत पहचान कर उससे निपटा जा सके।
सख्त कानून और कार्रवाई की तैयारी
फर्जी बम धमकियों के कारण होने वाले भारी नुकसान को देखते हुए सरकार जल्द ही इस मामले में सख्त कानून बनाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रही है। सरकार का कहना है कि फर्जी धमकियों से न केवल यात्रियों की सुरक्षा को खतरा होता है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
नतीजे और उम्मीदें
फर्जी बम धमकियों के मामले में जांच एजेंसियों की सक्रियता और सुरक्षा प्रोटोकॉल के सख्ती से पालन से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकेगी। यात्रियों और एयरलाइंस को भी सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।